Wednesday 2 March 2016

बदलाव



नहीं !!
बिलकुल भी नहीं बदले हो तुम !
बदला है मेरा नज़रिया !!
देखा था मैंने तुम्हें,
ठीक वैसा-
जैसा देखना चाहा था ।
देख रही हूँ अब तुम्हें,
ठीक वैसा-
जैसे तुम हो ।
कोई शिक़ायत नहीं,
कोई गिला नहीं ।
चलो आगे बढ़ते हैं
अपने-अपने रास्ते !!

25.7.2015
2.15 pm

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