जो सही नहीं है, वो ग़लत भी नहीं है
जो अच्छा नहीं है, वो बुरा भी नहीं है
जो सच नहीं है, वो झूठ भी नहीं है
ये बात अगर तुम्हारी समझ में आ जाए
तो
किसी को समझाने की कोशिश न करना
वरना लोग तुम्हें पागल समझेंगे और ..
तुम्हारी
हर निर्मल-निश्छल भावना को
कस
कर जकड़ दिया जाएगा ...
सही-ग़लत, अच्छे-बुरे और सच-झूठ
की बेड़ियों में।
बना दिया जायगा तुम्हें ...
एक
और सुकरात !
एक
और मीरा
29.2.2016
1.25pm
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