बहुत बातूनी थे दोनों,
बड़ी
लम्बी-लम्बी बातें..
घंटो
बतियाते थे -
न
दिन देखते न रात !
हज़ारों
सवाल - हज़ारों जवाब
सावल
वो -
जिनका
जवाब नदारद!
जवाब
वो -
जिनका
सवाल ही न था!
एक
दिन -
एक
ने सही सवाल का
सही
जवाब दे दिया ...
अब
दोनों चुप हैं
और
सोच रहे हैं..
क्यों
आ गया हमारे बीच
कम्यूनीकेशन
गैप !!
13.2015
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