हम दोनों पीठ से पीठ जोड़े
अपना-अपना
टैब लिए बैठे थे
आपस
में बातें हो रहीं थीं
और
टैब पर चैट !
अचानक
वो उठा -
और
हाथ धोने लगा ...
मैनें पूछा - क्या हुआ ?
उसने
मुझे तो जवाब नहीं दिया
मन
ही मन बुदबुदाया ..
छूटता
ही नहीं ..!!
मैनें
झाल्ला कर पूछा -
क्या
नहीं छूटता ?
हुआ
क्या है ?
उसने पलट कर कहा -
कॉपी
- पेस्ट करती हो ?
हाँ
करती हूँ क्यों ?
मैनें
कुछ कॉपी किया था
पेस्ट
नहीं कर सका ...!!
उसने
कहा ।
तो ? तो क्या हुआ ?
मैनें
भनभनाते हुए पूछा
उसने
कहा -
ऐसा
लग रहा है जैसे...
ऊँगली
में ही चिपक के रह गया है
छूटता
ही नहीं !!
.......
पता
नहीं उसने क्या समझा ?
क्या
जाना ?
मुझे
एक बात
अच्छी
तरह समझ में आ गई
कि
कॉपी से पहले
पेस्ट
की जगह निश्चित होनी चाहिए
वर्ना....
कॉपी
ज़हन पर पेस्ट हो जाती है !!!
18.7.2015
1.26 am
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