चलती हुई रेल की खिड़की से
गतिमान दृश्यों को देख कर -
याद आ जाते हैं वो लोग -
जो आपकी ज़िन्दगीें में -
अचानक आ जाते हैं ..!
जाने के लिए ...!
ये आते तो तपाक से हैं
लेकिन
जाते - जाते
ऐसी
अमिट छाप छोड़ जाते हैं
कि
लाख चाहने पर भी
नहीं
मिटा पाते आप ...
बस
देखते रह जाते हैं
उन्हें
आखों से ओझल होते हुए
बेबस
!! चुपचाप !!!
12.17pm
8.11.2015
सुविधा
एक्सप्रेस
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