Wednesday 2 March 2016

सज़ा


तुमने अपना गुनाह 
कुबूल ही नहीं किया
तो माफ़ी कैसे मांगते ?
समझती हूँ तुम्हारी मजबूरी 
जाओ मैनें तुम्हें माफ़ किया !!

20.11.2015
12.36am

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