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Wednesday 6 January 2010

PATI-PATNEE


पति-पत्नी


तब-
हम दोनों एक-दूसरे को
सिर्फ़ प्यार की ख़ातिर
प्यार करते थे !
अब-
आदतन प्यार करते हैं !
तब -
प्यार में झगड़ा होता था !
अब-
झगड़े के बाद ही प्यार उमड़ता है !


तब इतनी बातें होती थीं 
कि ख़ामोशी के लिए जगह ही नहीं थी! 
अब ख़ामोशी बोलती है और 
शब्द बेमानी हो गए हैं !


तब जब छुपाने को बहुत कुछ था ,
हमने कुछ नहीं छुपाया !
अब हम वो सब छुपाते हैं ,
जिसे पहले से ही जानते हैं !


तब हम दोनों एक-दूसरे को 
पूरी तरह से जान लेना चाहते थे !
अब इतना जान चुके हैं
कि किसी और को तो क्या ख़ुद को भी
पूरी तरह जान पाना नामुमकिन है !


तब हमारी नज़रें-
एक-दूसरे की ख़ूबियों पर होतीं थीं 
और हम ख़ुश रहते थे !
अब ख़ामियों से नज़र हटती ही नहीं 
और हम दुखी रहतें हैं !


लेकिन इस सब के बावजूद 
एक-दूसरे को ख़ुश रखने की चाहत 
अभी बाक़ी है और कोशिश जारी है !


ये रिश्ता सफल है या असफल 
यह तो मैं नहीं जानती 
लेकिन इतना तो तय है
कि एक-दूसरे के बिना हम 
अ.धू..रे..हैं !
चाहे हम साथ रहें 
या ना रहें !!!


दीप्ति मिश्र