Wednesday 2 March 2016

सीधी बात



लिख चुके हो तुम 
वो सब - जो तुम्हें लिखना था
मेरे भाग्य में !
लिख रही हूँ मैं
वो सब - जो मुझे लिखना है 
अपने कर्म से !

मिटा दिया है मैंने वो सब -
जो लिखा था तुमने !
लिख रही हूँ मैं वो सब -
जो लिखना है मुझे!

कैसे मिटाओगे तुम वो सब -
जो अभी लिखा ही नहीं ?
कैसे मिटाओगे तुम वो सब -
जो अभी हुआ ही नहीं ?

सुनो ! ऐसा करना ...
मैँ लिखती रहूँगी तब तक -
जब तक मैं हूँ!
तुम मिटाते रहना तब तक -
जब तक मैं हूँ !!!!

12.8.20015
6.38 pm

No comments: