Thursday 1 May 2014

प्यास

प्यास


सच है
प्यासी हूँ मैं
बेहद प्यासी
मगर तुमसे किसने कहा, कि
तुम मेरी प्यास बुझाओ ?
मुझसे कहीं ज़्यादा रीते,
कहीं ज़्यादा ख़ाली हो तुम .
और...
तुम्हें अहसास तक नहीं
कि -  
भरना चाहते हो तुम अपना खालीपन
मेरी प्यास बुझाने के नाम पर .
ताज्जुब है !
मुक्कमल बनाना चाहता है मुझे
एक-

आधा-अधूरा इन्सान !! 

दीप्ति मिश्र 
17.2.2004

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