Wednesday 2 March 2016

सब - कुछ



पुरुष - मैं तुमसे प्रेम करता हूँ !
स्त्री - ??
पुरुष - मैं तुमसे बेइंतिहा प्रेम करता हूँ !
स्त्री - ........!
पुरुष - मैं तुमसे सदियों से प्रेम करता हूँ !
स्त्री - म्..म..मैं प्रभावित हूँ !
पुरुष - शायद जन्मों से ....!
स्त्री - सम्मान करती हूँ तुम्हारी भावनाओं का !
पुरुष - स्वीकार लो !
स्त्री - स्वीकार लिया !
प्रेम में प्रेम का विलय ...
प्रेम ही हो गया दोनों के लिए 
"सबकुछ"
फिर - 
दानों ने प्रेम को आधा-आधा बाँट लिया
स्त्री के लिए पुरुष - "सब" !!
पुरुष के लिए स्त्री - "कुछ" !!!
 12.7.2015




सज़ा


तुमने अपना गुनाह 
कुबूल ही नहीं किया
तो माफ़ी कैसे मांगते ?
समझती हूँ तुम्हारी मजबूरी 
जाओ मैनें तुम्हें माफ़ किया !!

20.11.2015
12.36am

मौत



सपना जब पूरा हो जाता है
......मर जाता है!
उसका सपना पूरा हो गया
........मैं मर गई !!

20.8.2015
12.25pm

ब्लैक-बोर्ड





कभी कोरा काग़ज़ हुआ करते थे तुम 
संगमरमर की तरह सफेद ,साफ़ !
स्याही से तुमने ख़ुद पर 
इतने लेख लिखे
कि स्याह ही हो गये तुम 
और ...
बन गए एक ब्लैक-बोर्ड !

इस ब्लैक-बोर्ड पर -
सफ़ेद चौक से लिखी थीं
मैंने कुछ ग़ज़लें...
कुछ नज़्में ...
लिखे थे कुछ नाम !
कुछ सम्बोधन !

जिसे तुमने 
इश्तेहार की तरह 
हर गली,हर नुक्कड़
हर चौराहे पर लगाया
और ..
ख़ूब नाम कमाया ?

फिर ....
कमाई का हिसाब लगाया
कुछ जोड़ा
कुछ घटाया
डस्टर उठाया 
और...
पोंछ दिया वो सब कुछ
जो स्याह नहीं सफ़ेद था !!

डस्टर से झड़ती हुई डस्ट ने
मुझसे कहा-
मूर्ख ! ये ब्लैक बोर्ड है
इस पर कोई रंग नहीं टिकेगा
इसे ब्लैक ही रहने दो !

मैंने डस्ट समेटी,
अन्जुरी में भरी
और...
उंगली के पोर से 
ब्लैक-बोर्ड पर लिख दिया
ब्लैक !!!

16.1.2016
10.20 am


बदलाव



नहीं !!
बिलकुल भी नहीं बदले हो तुम !
बदला है मेरा नज़रिया !!
देखा था मैंने तुम्हें,
ठीक वैसा-
जैसा देखना चाहा था ।
देख रही हूँ अब तुम्हें,
ठीक वैसा-
जैसे तुम हो ।
कोई शिक़ायत नहीं,
कोई गिला नहीं ।
चलो आगे बढ़ते हैं
अपने-अपने रास्ते !!

25.7.2015
2.15 pm

फेसबुक Facebook





सुनो !
ये मेरा दिल है
तुम्हारा फेसबुक अकाउंट Facebook account नहीं ,
कि जब चाहा लौगइन login किया
और जब चाहा लौगआउट logout हो गए
पहले तो-
फ्रेंड रिक्वेस्ट friend request भेज-भेज कर
नाक में दम कर दी ।
अब-जब एक्सेप्ट accept कर ली
तो कहते हो -
अन्फ्रेंड unfriend कर दो..
सिर्फ इस लिए 
कि मैं तुम्हारे स्टेटस अपडेट्स status update को
लाइक likeनहीं करती।
तुम्हारी पोस्ट post को
शेयर share नहीं करती।
अपनी वॉल wall पर लिखने की परमीशन नहीं देती।
क्या होगा अन्फ्रेंड unfriend करने से ?
दिल से जाओगे नहीं तुम..!
फिर क्या करूँ ...?
एक आइडिया है -
क्यों न मैं तुम्हें 
सीधे ब्लॉक block ही कर दूँ 
हर दिशा,हर जगह से
ठीक है न ?
बोलो
है न ठीक !!

24.10.2015
1.55pm

दृश्य



चलती हुई रेल की खिड़की से
गतिमान दृश्यों को देख कर -
याद आ जाते हैं वो लोग - 
जो आपकी ज़िन्दगीें में -
अचानक आ जाते हैं ..!
जाने के लिए ...!

ये आते तो तपाक से हैं
लेकिन जाते - जाते
ऐसी अमिट छाप छोड़ जाते हैं
कि लाख चाहने पर भी
नहीं मिटा पाते आप ...
बस देखते रह जाते हैं 
उन्हें आखों से ओझल होते हुए
बेबस !! चुपचाप !!!


12.17pm
8.11.2015
सुविधा एक्सप्रेस